Ghar Se Nikalne Ki Dua
Ghar Se Nikalne Ki Dua एक अहम इस्लामी दुआ इस्लाम में दुआओं का बहुत बड़ा मक़ाम है। हर काम के लिए एक ख़ास दुआ होती है, जो हमें अल्लाह की रहमत और हिफ़ाज़त देती है। आज हम घर से निकलने की दुआ के बारे में जानेंगे, जो हमें हर रोज़ सुबह पढ़नी चाहिए।
Dua Ki Ahmiyat
घर से निकलते वक़्त दुआ पढ़ने की एहमियत बहुत ज़्यादा है। यह हमें अल्लाह की हिफ़ाज़त और रहनुमाई देती है। यह दुआ हमें बुरी नज़र, बुरी वाक़ियात और अनहोनी से बचाती है।
Ghar Se Nikane Ki Dua In Hindi
घर से निकलते वक़्त पढ़ी जाने वाली दुआ इस तरह है: “बिस्मिल्लाह, तवक्कलतु अलल्लाह, ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह” इसका मतलब है: “अल्लाह के नाम से, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, अल्लाह के सिवा कोई ताक़त और क़ुव्वत नहीं है।”
Dua Ke Fayde
- हिफ़ाज़त: यह दुआ हमें हर तरह की बुराई से बचाती है।
- रहनुमाई: यह हमें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।
- सुकून: यह हमारे दिल को सुकून और इत्मीनान देती है।
- एतमाद: यह हमें अल्लाह पर एतमाद और भरोसा करने की ताक़त देती है।
Dua Ka Sahi Waqt
घर से निकलते वक़्त इस दुआ को पढ़ना चाहिए। यह दुआ हमें दिनभर की सरगर्मियों में अल्लाह की हिफ़ाज़त और रहनुमाई देती है। इस दुआ का असर बहुत गहरा होता है। यह हमें ज़हनी और जिस्मानी तौर पर मज़बूत बनाती है। यह दुआ हमें हर तरह की बुराई से बचाती है और हमें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है। इस दुआ को रोज़ाना पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। यह हमें हर दिन की शुरुआत में अल्लाह की रहमत और हिफ़ाज़त देती है। इस दुआ को पढ़ने से हमें एतमाद और सुकून मिलता है।
Conclusion
घर से निकलने की दुआ एक अहम इस्लामी दुआ है जो हमें हर दिन की शुरुआत में पढ़नी चाहिए। यह दुआ हमें अल्लाह की हिफ़ाज़त और रहनुमाई देती है। इसे पढ़ने से हमें ज़हनी और जिस्मानी सुकून मिलता है और हम हर तरह की बुराई से बचते हैं।