Top 40 Darood Sharif In Hindi
दरूद शरीफ की फज़ीलत बहुत आज़ीम और मुक़द्दस समझी जाती है। इस्लाम में इसे पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को तोहफा देने का अहम तरीक़ा माना जाता है। दरूद शरीफ पढ़ने से दिल को सुकून और रूह को सुकून मिलता है। यह गुनाहों को माफ कर सकती है और जन्नत में जगह दिला सकती है। दरूद शरीफ के ज़रिए इंसान अल्लाह तआला की रहमत और बरकत को हासिल करता है। इसे पढ़ने से दुआओं की क़ुबूलियत की संभावना बढ़ जाती है।
पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने भी दरूद शरीफ पढ़ने की बार-बार तजवीज़ फरमाई है। जो इंसान सच्चे दिल से दरूद शरीफ पढ़ता है, उसकी जिंदगी में खुशहाली और बरकत आती है। दरूद शारीफ़ पढ़ने से दिल से बुरे ख्याल दूर होते हैं, और रूह पाक होती है। दरूद शारीफ़ पढ़ने से आमाल में सुधार होता है और ज़िंदगी ज़्यादा नेक और परहेज़गार गुज़रती है। दरूद शरीफ पढ़ने से हमें पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के क़रीब होने का एहसास होता है। इससे इबादतों का दरजा बढ़ जाता है और हम अल्लाह की नजरों में प्यारे बन जाते हैं।
Top 40 Darood Sharif In Hindi | 40 बेहतरीन दरूद शरीफ हिन्दी में
यहाँ बेहतरीन 40 दरूद शरीफ का मजमूअह पेश किया गया हैं,
जो बरकत और रहमत हासिल करने का ज़रिया हैं।
- 1. दरूद इब्राहीमी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद, कमा सलैत अला इब्राहीम व अला आ’लि इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद।
2. दरूद तुनज्जीना
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सैय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आ’लि सैय्यिदिना मुहम्मद।
3. दरूद कुद्दूसी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
4. दरूद शरीफ
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम व बारिक अला नबीयिना मुहम्मद।
5. दरूद नूर
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
6. दरूद मफरूज़
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
7. दरूद मज्द
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
8. दरूद मुकद्दस
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद, कमा सलैत अला इब्राहीम व अला आ’लि इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद।
9. दरूद मुहम्मदी
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
10. दरूद मक्की
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
11. दरूद मदीनी
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
12. दरूद यासीन
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
13. दरूद फातिमा
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद, कमा सलैत अला इब्राहीम व अला आ’लि इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद।
14. दरूद मुस्तफा
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव व अला आ’लि मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
15. दरूद क़ुरानी
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
16. दरूद शिफा
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
17. दरूद सबाह
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
18. दरूद अनवर
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
19. दरूद मक़बूल
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
20. दरूद मुक़र्रब
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
21. दरूद सबीह
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सैय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आ’लि सैय्यिदिना मुहम्मद।
22. दरूद रज़ा
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद, कमा सलैत अला इब्राहीम व अला आ’लि इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद।
23. दरूद मुकाम
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
24. दरूद नबी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
25. दरूद ताज
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
26. दरूद मजीद
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
27. दरूद नासिर
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
28. दरूद रहमत
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
29. दरूद तौहीद
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
30. दरूद रहमान
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
31. दरूद शहाब
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
32. दरूद जलील
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
33. दरूद अज़ीज़
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
34. दरूद फज़ीलत
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
35. दरूद करीम3
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
36. दरूद रहमानी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
37. दरूद मोहसिन
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
38. दरूद नजीब
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद, कमा तुहिब्बु व तरदा लहु।
39. दरूद शफी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वा अला आ’लि मुहम्मद।
40. दरूद मख़सूस
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला नबीयिना मुहम्मद।
ये बेहतरीन 40 दरूद शरीफ न सिर्फ हमारे दिलों को सुकून और रूह को सुकून देती हैं, बल्कि हमें अल्लाह तआला की रहमत और बरकत को भी हासिल करने का ज़रिया फ़राहम करती हैं।
दरूद शरीफ के बारे में कुछ अहम हदीसें इस तरह हैं:
हदीस 1:
हज़रत अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने रिवायत की:
“रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: जो इंसान मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है, अल्लाह उस पर दस बार रहमत भेजता है।”
(सहीह मुस्लिम, किताब 4, हदीस 747)
हदीस 2:
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने रिवायत की:
“रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: क़यामत के दिन मुझसे सबसे करीब वही इंसान होगा, जिसने मुझ पर सबसे अधिक दरूद भेजा होगा।”
(जामे तिर्मिज़ी, किताब 1, हदीस 484)
हदीस 3:
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने रिवायत की:
“रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: जब भी तुम मुझ पर दरूद भेजते हो, तो अल्लाह तुम्हारे दस गुनाह माफ करता है, तुम्हें दस नेकीयां अता करता है और तुम्हारा दर्जा दस गुना बढ़ा देता है।”
(मुसनद अहमद, किताब 2, हदीस 21922)
हदीस 4:
हज़रत अली (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने रिवायत की:
“रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: असली कंजूस वह है, जिसके सामने मेरा नाम लिया जाए और वह मुझ पर दरूद ना भेजे।”
(सहीह तिर्मिज़ी, किताब 2, हदीस 3546)
हदीस 5:
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने रिवायत की:
“रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: जो इंसान मुझ पर एक बार दरूद भेजता है, अल्लाह उस पर दस बार रहमत भेजता है, उसके दस गुनाह माफ करता है और उसे दस दर्जे ऊंचा करता है।”
(सहीह बुखारी, किताब 4, हदीस 634)