Tasbeeh e Fatima In hindi
Tasbeeh e Fatima Zahra (Raziyallahu tala anha) इस्लाम की एक ख़ास तालीम ये भी है कि बंदे अल्लाह का ज़िक्र करे,उसकी तस्बीह और उसकी याद से अपनी ज़बाने तर कर ले क्यूंकि अल्लाह के जिक्र से दिलों में अल्लाह की मुहब्बत पैदा होती है।और तस्बीह और ज़िक्र दिल में अल्लाह कि मुहब्बत पैदा करने का एक ख़ास अमल है। इसीलिए आज हम एक ऐसे खास तस्बीह के बारे में जानेंगे जिसको पढ़ने से अल्लाह का करम तो नाजिल होता ही होता है साथ में उस आदमी के गुनाह चाहे समंदर झाग के बराबर ही क्यूं ना हों सब के सब माफ कर दिए जाते हैं।
तो चलिए जानते है आज के इस टॉपिक Tasbeeh e Fatima Zahra के बारे में।
Tasbeeh e Fatima kya hai
मशहूर हदीस है की हजरत फातिमा अपने घर का काम काज खुद किया करती थी यहां तक कि खुद ही पानी भर कर लाती, और खुद ही चक्की पीस्ती,एक मरतबा उन्होनें हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम से अर्ज़ किया को इन कामों के लिए उन्हें कोई खादिम(काम करने वाला) दे दिया जाए तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया “मैं तुम्हे खादिम से अच्छी चीज़ बताता हूं,और वो ये है कि तुम हर नमाज़ के बाद और सोते वक़्त
33 बार सुभानल्लाह,
33 बार अलहुमदुलिल्लाह
34 बार अल्लाहु अकबर
पढ़ लिया करो ये तुम्हारे लिए खादिम (काम करने वाले) से बेहतर है।”
Tasbeeh e Fatima benefits
एक दूसरी हदीस में Tasbeeh e Fatima ki fazilat और ख़ासीयत बताई गई है कि
जो शख्स हर नमाज़ के बाद 33 बार सुभहानल्लाह,33 बार अलहुमदुलिल्लाह 34 बार अल्लाहु अकबर पढ़ा करे,और आख़िर में एक बार
“ला ईलाहा इल लल्लाहु वहदहु ला शरी का लहु लहुल मल्कु वलाहुल हम्दू व्हूवा अला कुल्ली शइन कदीर”
Laa ilaha illal Lahoo Wahdahoo Laa Shareekalahoo Lahul Mulku Walahul Hamdu Wa howa Ala Kulli Shai In Qadeer.
पढ़ लिया करे तो उसके सारे गुनाह माफ कर दिया जाएगा चाहे उसका गुनाह समंदर के झाग के बराबर ही क्यूं ना हो।
Conclusion
इसीलिए हम सबको Tasbeeh e Fatima को हर फर्ज नमाज के बाद और रोजाना सोने से पहले जरूर पढ़ लेना चाहिए ताकि हमारे जितने भी गुनाह है माफ हो सके,ये हम सब के लिए बहुत बड़े फायदे की बात है। सिर्फ छोटी सी एक तस्बीह पढ़ लेने से हमारे इतने बड़े गुनाह अगर माफ हो जा रहे हो तो इससे बड़ा फायदा और क्या होगा !
Mashaallah nice post