Shabe Qadr Aur Iski Fazilat

Shabe Qadr Aur Iski Fazilat

अस्सलामुअलैकुम दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम Shabe Qadr Aur Iski Fazilat के बारे में बात करेंगे| Shabe Qadr kya hai ? शबे क़द्र यानी लैलतुल क़द्र ये इस्लामी केलिन्डर की सबसे ज़्यादा क़ाबिले एहतराम रात है। इस रात में जिब्रील अलैहिस्सलाम ने क़ुरान की पहली आयात को आप सल्लाहु अलैहि वस्सलाम पर नाजिल फ़रमाई थी। ये रात रमज़ान के महीने के आखिरी दस रातों में आती है.लेकिन इसकी सही तारिख का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। लेकिन आम तौर पर इसे रमज़ान के महीने की 27 वीं रात के तौर पर समझा जाता है। इसिलए ये कहा जाता है की इस रात को रमज़ान की आखिरी 10 दिनों की ताक़ रातों में तलाश करो। यानि की 21 वीं ,23 वीं ,25 वीं और 27 वीं रातों में तलाश करो।

अल्लाह के रसूल का इरशाद है “लैलतुल क़द्र को रमज़ान के आखिरी हिस्से में तलाश करो”(बुखारी ,मुस्लिम )

 Shabe Qadr Ki Fazilat | शबे क़द्र की फ़ज़ीलत

शबे क़द्र की रात को सवाब के हिसाब से बहुत ही ज़्यादा अहमियत दी गयी है। इसीलिए इस रात को पूरी तरह अल्लाह की इबादत और तिलावत में गुज़ारना चाहिए क्यूंकि इस रात में इबादत करना हज़ार रातों में इबादत करने से ज़्यादा अफ़ज़ल है।

अल्लाह के रसूल का इरशाद है;”जो ईमान और सवाब के लये शबे क़द्र में इबादत करेगा उसके अगले गुनाह बख़्श दिए जायेंगे ” (बुखारी )
इस हदीस से पता चला की ये रात बहुत ही फ़ज़ीलत वाली रात है इसमें ज़्यादा से ज़्यादा इबादत करें।

अल्लाह ने सूरह क़द्र में इरशाद फ़रमाया :

SURAH AL QADR

 

तर्जुमा : हमने इस क़ुरान को शबे क़द्र में नाज़िल किया
क्या आपको मालूम है की शबे क़द्र क्या है ? 
शबे क़द्र हज़ार महीनों से अफ़ज़ल है
इस रात में फ़रिश्ते और जिब्राईल रब के हुक्म से हर काम के लिए।
सलामती है सुबह के निकलने तक। “

(सूरह अल क़द्र )

 Shabe Qadr Me Kya Karna Chahiye | शबे क़द्र में क्या करना चाहिए ?

शबे क़द्र की रात में तमाम मुसलमान अल्लाह ताला की की रज़ा हासिल करने के लिए उससे मगफिरत तलब करता है.ये मुबारक रात अल्लाह से बख्शिश की रात है इस रात में अल्लाह ताला अपने बन्दों की हाजतें पूरी करता है ,दुआ मांगने वालों के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोल देता है इस रात में क़ुरआन की तिलावत करना ,नमाज़ें पढ़ना ,सदक़ा देना और अल्लाह से रो रो कर अपने गुनाहों की माफ़ी की दुआ करना चाहिए क्यूंकि इस रात में आसमान से फ़रिश्ते ज़मीन पर नाज़िल होते है और अल्लाह की रहमत नाजिल होती है और दुवायें क़ुबूल की जाती है. और इस रात में की जाने वाली इबादत का सवाब दूसरी रातों में की जाने वाली इबादतों से ज़्यादा होता है।

 Shabe Qadr Ki Dua |शबे क़द्र की दुआ :

Shabe Qadr Ki Dua ये है जो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत आयशा को सिखाई थी ,रिवायत में आता है की उन्होंने अल्लाह के रसूल से पूछा की ऐ अल्लाह के रसूल अगर मुझे शबे क़द्र मालूम हो जाये तो मुझे क्या कहना चाहिए ? आपने फ़रमाया कहो

SHABE QADR KI DUA, Shabe Qadr Aur Iski Fazilat

 

शबे क़द्र की दुआ इन हिंदी

“अल्लाहुम्मा इन्नका अफुऊन तुहिब्बुल अफ्वा फाफू अन्नी “

” ऐ अल्लाह ,तू माफ़ करने वाला है और तू माफ़ी को पसंद करता है ,बस मुझे माफ़ कर दे।

शबे क़द्र की कुछ ज़रूरी मालूमात :

1 -शबे क़द्र की असल तारीख मालूम नहीं होती इसीलिए इसे 21 वीं ,23 वीं ,25 वीं और 27 वीं रातों में तलाश करते हैं
2 -इस रात में आसमान से फ़रिश्ते ज़मीन पर उतारते है और अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है।
3 -इस मुक़द्दस रात का ज़िक्र कुरान में भी मिलता है ,इसिलए ये रात और तम्माम रातों से अफ़ज़ल है।
4 – इस रात में मुसलमान सबसे ज़्यादा इबादत करता है और अपने गुनाहों की माफी मांगता है इस रात में अल्लाह ताला लोगों के गुनाहों माफ़ करता है।

 

तो दोस्तों शबे क़द्र की रात बहुत ही फ़ज़ीलत वाली रात है अल्लाह से दुआ है की हम सब को इस रात में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत और नेक काम करने की तौफ़ीक़ अता करे,अमीन !
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