Haj karne ka tarika (step by step) in hindi

Haj karne ka tarika

दोस्तो पिछली पोस्ट में हमने Haj ke faraiz ,Haj ke wajibaat, और हज के दौरान ना करने वाले कामों के बारे में ज़िक्र किया था लेकिन आज की इस पोस्ट में हम Haj karne ka tarika (step by step) in hindi में जानेंगे ।

हज करने वाला हज के महीने में मक्का का इरादा करके सफर करे ,जब मीकात में पहुंच जाए तो गुस्ल करे या वज़ू करे ,और सिले हुए कपड़े उतार कर बिना सिले हुए कपड़े या लुंगी पहन कर 2 रकात नमाज पढ़े और हजनकी नियत करे और Talbiya पढ़े,अगर flight में सफ़र के दौरान ihraam बांधना मुम्किन ना हो तो अपने मुल्क से ही ihraam पहन कर नियत करे।

Talbiya पढ़ने के बाद हज में उन सारे ना करने वाली चीज़ों से बचना ज़रूरी है। हर नमाज़ के बाद ऊपर चढ़ते वक्त कसरत से Talbiya पढ़े , कोई काफिला मिले या नींद से जागे फिर भी हर वक्त Talbiya पढ़े।

Istikbaal e qibla

जब मक्का पहुंचे तो सबसे पहले मस्जिद ए हराम जाए,जब काबा शरीफ को देखे तो दुआ करे,फिर Hazre Aswad के पास जाए और Takber e Tahleel से उस का इस्तकबाल करे अगर मुम्किन होती Hazre Aswad को चूमे अगर मुम्किन नहीं या भीड़ बहुत ही ज़्यादा हो तो दूर से ही इशारा करे ।

Haze e Aswad ko choomna

हजरे अस्वद के दाहिनी तरफ से Tawaf शुरू करें और सात फेरे लगाए पहले 3 में थोड़ा तेज चले और बाकी फेरों में आराम उसके साथ चले और तवाफ के खत्म पर 2 रकात नमाज पढ़े इस tawaf ko tawaf e qudoom कहते हैं और ये सुन्नत है।

Safa aur marwa per sayi karna

फिर सफा पहाड़ी के पास जाए और उस पर चढ़कर किबला की तरफ मुंह करके तकबीर पढ़े और नबी अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम पर दुरूद भेजें और अल्लाह ताला से दुआ मांगे फिर मरवा पहाड़ी की तरफ मुंह करके उतरे और उस पहाड़ी के पास जाकर उस पर चढ़े और सफ़ा पहाड़ पर किए काम यहां भी करें जिस तरह पहले सफा पहाड़ी पर जो काम किया था वही मरवा पहाड़ी पर आकर करना है यानी की तकबीर कहना है और अल्लाह के रसूल पर दरूद भेजना है और अल्लाह से दुआ मांगना हैं और इस तरह फिर एक फेरा मुकम्मल हो जाएगा फिर वहां से सफा और सफा से मरवा 7 मर्तबा चक्कर लगाएगा और इस चक्कर लगाने को सयी कहते हैं।

Mina me qayam karna

आठवीं जिलहिज्जा को फज्र की नमाज़ मक्के में पढ़े और मिना जाकर कयाम करें वहां रुके और रात वहीं गुजारे 9 वीं जिलहिज्जा यानी अरफा के दिन सूरज डूबने के बाद मिना से अरफात आए और वहां खड़े होकर तकबीर और तहलील पढ़े और नबी अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम दरूद भेजें और अल्लाह ताला से दुआ करें

Muzdalfa me qayam karna

जवाल के बाद इमाम ज़ुहर के वक्त में एक अजान और दो अकामत के साथ जोहर और असर की नमाज पढ़ाएगा सूरज ढलने तक अरफा में खड़ा रहे फिर मक्का वापस आते वक्त मुजदलफा में उतरे और यहीं रात गुजारे वहां इमाम इशा के वक्त में एक अजान और एक अकामत से मगरिब और इशा की नमाज पढ़ाएगा

जिलहिज्जा के 10 वे दिन यानी कुर्बानी के दिन जब सुबह सादिक हो जाए तो ज़मरा उकबा पहुंचे ,इस पर साथ कंकरिया मारे कंकड़ी मारते वक्त से तलबिया कहना बंद कर दे फिर अगर चाहे तो कुर्बानी करें फिर अपना सर मुंडाए या बाल कटवाए फिर कुर्बानी के 3 दिनों के दौरान मक्का जाकर तवा Tawaf e ziyarat करें और मीना वापस आकर वहां रहे।

11 वीं जिलहिज्जा के जवाल के बाद रमी करे, हर हर कंकड़ी पर तकबीर कहे हैं फिर वहां खड़े होकर दुआ करें फिर जम्रह वस्ता जाकर रमी करें और आखिर में जमरह ओकेबा में रमी करें।

12 जिलहिज्जा के जवाल के बाद पहले की तरह ही तीनों जमरात की रमी करें इन दिनों में मीना में रात गुजारे फिर मक्के में दाखिल होकर बैतुल्लाह का तवाफ करें इस दबाव को तब आप फुल वादा कहते हैं तब आप के बाद 2 रकात नमाज पढ़े फिर जमजम का पानी पिए और अल्लाह से गिला करें अपने घर वालों के पास लौटना चाहें तो रोते हुए खाना काबा की जुदाई पर हसरत करते हुए वापस आए।

Madina me haziri

रसूलल्लाह सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने फरमाया “जो मेरी कब्र की जियारत करेगा उसके लिए मेरी शिफात वाजिब होगी”

नबी अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम की कबर की जियारत करना अफजल मुस्तहीबात में से है अगर अल्लाह किसी को हज की तौफीक दे तो हज से फारिग होने के बाद या पहले नबी अकरम सल्लल्लाहो वसल्लम की कबर की जियारत के लिए मदीना मुनव्वरा चला जाए और कसरत से दरूद ओ सलाम पढ़ें

जब मदीना मुनव्वरा पहुंचे तो कोशिश करें खुशबू लगाएं और अपने पास मौजूद सबसे बेहतर कपड़े पहने।

Rauza e Rasool Per Haziri

सबसे पहले अदब और वकार के साथ मस्जिद-ए-नबवी में दाखिल हो और 2 रकात तहियतुल उल मस्जिद पढ़कर जो चाहे दुआ करें फिर कबर शरीफ के पास जाकर कब्र के सामने अदब के साथ खड़ा रहे सलाम करें नबी अकरम सल्लल्लाहो वसल्लम पर दरूद ओ सलाम पड़े फिर सलाम कहने वालों की तरफ से आप सल्ला वाले वसल्लम को सलाम पहुंचाए फिर दूसरी मर्तबा मस्जिद-ए-नबवी जाकर जितनी चाहे नमाज़ पढ़े और अपने लिए अपने वालदैन के लिए तमाम मुसलमानों के लिए और दुआ की दरखास्त करने वालों के लिए दुआ करें मदीना मुनव्वरा में कयाम के दिनों को गनीमत जाने और जब भी मौका मिले नबी अकरम सल्लल्लाहो वसल्लम की जियारत करें बहुत ज्यादा तस्वीह करें तौबा करता रहे।

Jannatul baki ki ziyarat

जन्नतुलबकी भी जाना मुस्ताहब है जन्नतुलबकी जाए वहां सहाबा, की कबरों की जियारत करें जब तक मदीना मुनव्वरा में रहे जितनी नमाजे मस्जिद-ए-नबवी में अदा करना मुस्ताहब है जब अपने शहर वापस होना चाहे तो आखिर में मस्जिद-ए-नबवी में 2 रकात पढ़ना दुआ करना और नबी सल्ला वसल्लम की कबर मुबारक के पास आकर दरूद ओ सलाम पढ़ना मुस्तहब है।

Conclusion

तो आज के इस टॉपिक Haj karne ka tarika (step by step) in hindi  पर हमने हज करने का तरीक़ा जाना अगर आपको ये टॉपिक पसंद आया हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे।

Jazakallah hu khair

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