Darood shareef भी एक दुआ है,जो हम लोग अल्लाह के बंदे अल्लाह के रसूल के हक में करते है, अल्लाह के बाद सब से ज़्यादा एहसान हमारे उपर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वल्लम का ही है। अगर अल्लाह के रसूल दीन के लिए इतनी परेशानियां ना उठाते तो आज हम सब शिर्क और कुफ्र के अंधेरे में ही होते ये अल्लाह के रसूल का एहसान है कि इतनी परेशानियों के बाद भी दीन हम तक पहुंचाया आज Darood shareef in hindi में हम इसे पूरी डिटेल से जानेंगे।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की इतनी बा बरकत शख्सीयत और शान के लाइक है कि कुरान शरीफ में अल्लाह ने Durood Shareef पढ़ने का हुक्म दिया।
क़ुरान शरीफ में अल्लाह ने बहुत ही साफ अंदाज़ में ये हुक्म दिया कि इरशाद ए बारी है
“इन्नल्लाहा वा मलाईकाताहू युसल्लूना अलन्नबिय या अय्युहल लाजिना आमानू सल्लू अलैहि वसल्लिमू तस्लीमा”।
Tarjuma
अल्लाह और उसके फ़रिश्ते रहमत भेजते हैं नबी सलल्लाहू अलैहि वसल्लम पर दुरूद भेजो और सलाम अर्ज़ करो।
इस आयत में बताया गया है कि अल्लाह तआला अपने नबी सल्लल्लाहू अलैहि वल्लम की ख़ुद इज्ज़त और इकराम करता है,और उन पर रहमत वा शफकत फरमाता है। और उसके फ़रिश्तों का भी यही अमल है वो भी अल्लाह के रसूल की इज्ज़त और इकराम करते है।और अल्लाह से आप की रहमत की इल्तिज़ा करते है।
इसी तरह अल्लाह ने ईमान वालों से भी यही फ़रमाया कि तुम अल्लाह से रहमतें नाजिल करने के लिए दुआ करो और खूब सलाम भेजो।इस वजीफे के पता चलने के बाद कौन है वो इस काम को ना करे जिस का हुक्म अल्लाह ने दिया हो।
Darood shareef ki fazilat बहुत सी हदीसों में भी आई हुई है। जिनमें से कुछ में आप के सामने रख रहा हूं।
जो शख़्स मुझ पर एक बार दरूद शरीफ पढ़ कर भेजता है अल्लाह पाक उस बन्दे पर 10 राहमतें नाजिल फरमाते हैं।
इक रिवायत में आता है कि
“जो शख्स 1 बार दरूद भेजेगा उस पर अल्लाह ताला 10 रहमते नाजिल करता है और 10 गलतियां भी माफ करता है और 10 दर्ज़ा और बुलंद करता है।
एक और हदीस में अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया।
अल्लाह के बहुत से फ़रिश्ते हैं जिन का खास काम यही है कि वो ज़मीन में जो उम्मती मुझ पर सलातो सलाम पढ़ता है। वो उसको मुझ तक लाते हैं।
सुभानल्लाह !कितनी बड़ी दौलत है कि हमारा सलतो सलाम फरिश्तों के ज़रिए अल्लाह के रसूल तक पहुंचता है इसी बहाने हम सब का ज़िक्र अल्लाह के रसूल के दरबार में हो जाता है।
एक हदीस में आता है कि
कयामत के दिन मुझ से सब से ज़्यादा क़रीब आदमी वो होगा जो मुझ पर ज़्यादा दुरूद भेजता होगा।
एक दूसरी हदीस में है कि
वो शख़्स बड़ा बख़ील है यानी कंजूस है जिसके सामने मेरा जिक्र किया जाए और वो ख़ामोश रहे।
एक हदीस मे आया है कि
“उस शख़्स की नाक ख़ाक आलूद हो यानी कि वो जलील हो जिसके सामने मेरा ज़िक्र आए और वो मुझ पर दुरूद ना भेजे”
Darood kis tarah bheje
कुछ सहाबा रजियल्लाहू ने अल्लाह के रसूल से सवाल किया कि हम दुरूद किस तरह भेजे ? “अल्लाह के रसूल ने फिर दुरूदे इब्रहीमी तालीम फरमाई। जो नमाज़ में पढ़ी जाती है।
Darood e ibrahimi
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ
كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ
.إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ
اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ
كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ
.إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ
अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदिंव वाअला आलि मुहम्मदिन कमा सल्लयता अला इब्रहीमा वआला आलि इबराहीमा इन्नका हमीदुम मजीद।
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिंव वआला आलि मुहम्मदिंन कमा बरकता अला इब्रहिमा वअला आलि इब्राहीमा इन्नका हामीदुम मजीद।
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Tarjuma
अये अल्लाह हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल पर खास रहमत फरमा,जैसे तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर और उनकी ऑल पर रहमत की तू बड़ी तारीफ वाला बुजुर्गो वाला है।
अल्लाह हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल पर बरकती नाजिल फरमा जैसे तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर और उनकी आल पर बरकते नाजिल कि तू बड़ी तारीफों वाला और बुजुर्गी वाला है।
यह दरूद शरीफ खासकर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम की आल के लिए है यानी उनके घर वालों के लिए खास है हम सबकी जिम्मेदारी है कि जब नमाज पढ़े हैं तो इसके आखिर में हुजूर सल्ला वाले वसल्लम के लिए और उनके साथ लोगों के लिए रहमत और बरकत की दुआ भी करें।
बहुत से ऐसे बुजुर्ग हैं जो रोजाना अल्लाह के रसूल के ऊपर कई हजार मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़ने का मामूल रखते हैं लेकिन हम जैसे कम हिम्मत अगर सुबह शाम अदब और मोहब्बत के साथ सिर्फ सौ सौ मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़ लिया करें तो इंशाल्लाह इतना कुछ पाएंगे कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उनके हाल पर ऐसी मुहब्बत होंगी की इस दुनिया में उसका कोई अंदाजा नहीं कर सकता यानी अल्लाह के रसूल को उससे मोहब्बत हो जाएगी।
यह छोटा सा दरूद शरीफ जरूर याद कर ले
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदी निन्नबियीइल उम्मी वा अलेही वसल्लम
Tarjuma
अल्लाह नबी ए उम्मी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और उनके घर वालों पर रेहमतें नाजिल फरमा।
जब भी हम हुजूर सल्ला वाले वसल्लम का नाम ले और आपका जिक्र करें या दूसरे से सुने तो आप पर दुरूद शरीफ जरूर पढ़ना चाहिए और उसे मौके के लिए सल्लल्लाहु वाले वसल्लम या अलैहिस्सलाम काफी है।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दरूद ओ सलाम भेजना हम पर हुजूर सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का बहुत बड़ा हक है और हमारे आला दर्जे की शआदत है और दुनिया और आखिरत में हमारे लिए बहुत ज्यादा रहमत और बरकतओं का जरिया है।
अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह ताला हम सब को ज्यादा से ज्यादा दरूद ओ सलाम पढ़कर अल्लाह के रसूल पर भेजने की तौफीक अता फरमाए आमीन
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Masha allah
Assalamualaikum
Bhai aap khana khane se pehle
Ki dua bhejiye na
https://www.deenkibatein.com/khana-khane-ki-dua-aur-adaab/
माशाअल्लाह…