Surah lahab in hindi

Surah lahab in hindi

Surah lahab मक्के में नाजिल हुई इस सूरत में 5 आयतें हैं। Surah lahab in hindi में आप सल्लल्लाहू अलैहि वल्लम के चचा और उसकी बीवी ने जो ज़ुल्म सितम किए उसका अंजाम बयान किया गया है।

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम

  • शूरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है
  • तब्बत यदा अबी लहा बिंव वा तब्ब
  • अबू लहब के दोनो हाथ टूट गए और वो हलाक (बरबाद) हो गया।
  • मा अग्ना अन्हु मलुहू वामा कसाब
  • उस का माल और जो कुछ भी उसने कमाया था उस के काम नहीं आया।
  • सयस्ला नारन ज़ा ता लहब।
  • वो जहन्नुम की भड़कती आग में जा गिरे गा।
  • वामरातुहू हम्मा लतल हतब।
  • उसकी बीवी जो ईधन उठाए फिरती है।
  • फी जीदिहा हब्लुम मिम मसाद।
  • उसके गरदन में बटी हुई रस्सी पड़ी हुई है।

Surah lahab ki Tafseer

ये सूरत उस वक़्त उतरी जब अल्लाह के रसूल की दुश्मनी में लोग हद से आगे बढ़ गए थे।सारे अरब में अशांति का माहौल था।और कुरैश के लोगों को Shob e Abi Talib की घाटी में क़ैद कर दिया गया था।

उस वक़्त किसी की जान और माल की कोई कीमत नहीं थी ।लेकिन रिश्तेदारों के साथ ठीक तरह से मिलने जुलने का बहुत ज़्यादा रीवाज था और इसे बहुत ही अच्छा माना जाता था।

जब अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम दीन की दावत के कर उठे तो उस वक़्त कुरैश खानदान के 2 सरदरों ने तो आपको बहुत सख़्त मुखालिफत की लेकिन बनी हाशिम और bani muttalib aap ko मुखालिफत नहीं को बल्कि आप की मदद की जबकि उसमें से बहुत से लोग अभी भी ईमान नहीं लाए थे।

उसी खानदान का एक आदमी जिसका नाम अबू लहब था ये आपकी दुश्मनी में हद से आगे बढ़ गया था।आप के उपर तरह तरह के ज़ुल्म करता । जब आप किसी मजलिस को मुखातिब होते तो ये कमीना शख़्स आप पर पत्थर फेंकता था। जिससे आपके पैर मुबारक खून से भर जाते थे।

ये शख़्स आपका मज़ाक उड़ाता दीवाना,झूठा, और बे दीन कहता आप जब लोगों को अल्लाह के अजाब से डराते तो ये आदमी कहता कि मेरे पास बहुत माल है मै पैसा देकर अजाब से छुटकारा हासिल कर लूंगा।

उसकी बीवी भी इस मिशन में अबू लहब के साथ थी । उसकी बीवी रातों को अल्लाह के रसूल के घर के सामने कांटे दार लकड़ियां रख देती जिससे आपके घर के लोगों को तकलीफ़ पहुंचे।

अल्लाह के रसूल सलल्लाहू अलैहि वसल्लम के नबी बनने से पहले आपकी 2 बेटियां अबू लहब के 2 बेटों से शादी हुई थी।अबू लहब ने दोनों बेटों को मजबूर करके दोनों बेटों को तलाक़ दिलवा दी।और अपनी जिहालत से बहुत आगे बढ़ गया।

जब आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम के बेटे कासिम raziallahu anhu ka इंतिक़ाल हुआ तो उसने खुशियां मनाई और कुरैश के दूसरे सरदारों को बताया कि अब इनकी नसल ख़त्म हो गई।

जब कुरैश के लोगों ने नबी के खानदान वालों को Shob  E Abitalib में क़ैद कर दिया और सारे सम्बंध तोड़ दिया यहां तक कि लोगों को अपवास रखने की नौबत आ गई उस वक़्त इसने दुश्मन का साथ दिया।

वैसे अबू लहब आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का चाचा था।और पूरे सोसाइटी का चौधरी और मालदार था।

आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम जब दीन की दावत देते तो अबू लहब और उसकी बीवी उम्मे जमील ने बहुत ज़ोर लगाया और दीन की दावत में रूकावटें लाती रहीं।

जंगे बद्र के सात दिन के बाद इसे एक ख़तरनाक बीमारी लग गई और इस मर्ज के दार से उसके घर वालों ने उसका साथ छोड़ दिया।और बिल्कुल अलग कर दिया। वो वहीं मर गया कोई करीब तक नहीं आया।3 दिन के बाद उसकी सडी हुई लाश को मज़दूरों ने उठा कर दूर जाकर गढ्ढे में डाल दिया । ना उसका माल और ना ही उसकी कोई औलाद उसके काम आया।

इस तरह लोगों ने देखा कि अबू लहब नबी के घराने को मिटाने चला था आज खुद ही मिट गया।और जिस पर वो घमंड करता था वो टूट कर रह गया।

इसी तरह आगे उसकी बीवी के बारे में बताया गया है कि उसकी बीवी के गले में लोहे का तौक होगा।और वो इसी तरह अपने शौहर की आग को कांटे दार लकड़ियों से तेज़ करती रहेगी।

दोनों अल्लाह की आग में हमेशा जलते रहेंगे।इस औरत की मौत भी इसी तरह आयी थी रस्सी का फंदा उसके गले में फंस गया और वो मर गई।ये थी सूरह लहब की तफसीर और शाने नुजूल।

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