Sadaqa Jariya kya Hai| सदका ए जरिया
हजरत अबू हुरैरा रजि अल्लाहु ताला अन्हू से रिवायत है की हुजूर अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जब इंसान मर जाता है तो उसके सब अमाल दुनियां में खत्म हो जाते हैं लेकिन तीन चीजों का नफा उसे कब्र में भी पहुंचता रहता है 1 Sadaqa Jariya 2 इल्म ऐसा इल्म जिससे लोग फायदा हासिल करते हो 3 नेक औलाद जो उसके लिए दुआ करती है
(मिस्कत उल मसाबीह सफा नंबर 132)
जब तक इंसान जिंदा रहता है खुद नेकिया कमाता है और अपने लिए अखिरत में जखीरा जमा करता रहता है लेकिन जब मौत आ जाती है तो उसके सारे आमाल खत्म हो जाते हैं और सवाब जारी रहने का सिलसिला भी खत्म हो जाता है लेकिन तीन चीजें ऐसी हैं जो इसके अमल का नतीजा है और इनका सवाब मौत के बाद भी जारी रहता है सबसे पहले Sadaqa Jariya का सवाब लगातार जारी रहता है
Sadaqa e Jariya Kya Hai
सदका ए जरिया उसको कहते हैं जिसका फायदा वक्ती तौर पर किसी टाइम पीरियड के रहते हुए खत्म नहीं होता बल्कि उससे लोगों को फायदा पहुंचता है और सदका करने वाले को सवाब मिलता रहे जैसे कोई मस्जिद बनवा दी, कोई मदरसा बनवा दिया, किसी मदरसे में तफसीर या हदीस की किताबें वक्फ़ कर दी, कहीं कुआं खुदवा दिया, कहीं मुसाफिरखाना बनवा दिया, और कोई ऐसा काम कर दिया जिससे आम और खास लोगों को फायदा होता है एक आदमी इस तरह के किसी काम पर पैसा खर्च करके जिनका जिक्र ऊपर हुआ कब्र में चला गया लोग उसके सदके से फायदा उठा रहे हैं और उसके नाम में बराबर सवाब लिखा जा रहा है और उसके दर्जात बढ़ रहे है।
हम सब को भी जिंदगी में ऐसा काम जरूर कर देना चाहिए ताकि कब्र में जाने के बाद भी इस सवाल का सिलसिला बराबर जारी रहे
Ilm Sadaqa e Jariya Hai
वह इल्म जिससे नफा उठाया जाता है जिससे फायदा उठाया जाता है यह भी वह चीज है जिसका सवाब मौत के बाद भी जारी रहता है।किसी को कुरान मजीद पढ़ा देना या नाजरा पढ़ा देना, किसी को नमाज सिखा देना, या किसी को मौलाना बना देना, यह कोई ऐसी दीनी किताब लिख देना जिसको पढ़नकर लोग फायदा हासिल करे, या अपने पैसे से उसको पब्लिश करा देना यह सब Sadaqa Jariya है क्योंकि कुरान पढ़ने वाला जब तक कुरान मजीद पढेगा या फिर उसके शागिर्द और शागिर्द के शागिर्द पढ़ेगे तब तक उसको उसका सवाब मिलता रहेगा। जिसने दुनिया का इल्म आगे बढ़ाने का जरिया बन गया और जितने लोग इस जरिए का वास्ता बनते जाएंगे उन सब को सवाब मिलता रहेगा और किसी के सवाब में कमी नहीं होगी
Nek Aulaad Sadaqa Jariya Hai
Sadaqah jariyah for parents तीसरा यह कि नेक औलाद जो दुआ करती है उसकी दुआ का फायदा भी वालदेन को पहुंचता रहता है इसलिए औलाद की दुआ वालीदैन के लिए Sadaqa Jariya है दुआ में तो कुछ जान और माल खर्च करने की जरूरत नहीं है अगर औलाद अपने वालीदैन के लिए दुआएं मगफिरत कर दे तो वालदेन को इसको बहुत बड़ा फायदा पहुंचता रहेगा और औलाद का कुछ भी खर्च नहीं होगा औलाद की पैदाइश का जरिया बनना और उसको पालना क्योंकि वालदेन का काम है औलाद की पैदाइश परवरिश के बाद औलाद दुआ के काबिल हुई है इसलिए औलाद की दुआ से वालिदैन को भी सवाब मिलता है।
सदका करने का बहुत से तरीके है। अल्लाह के रसूल ने हमें सदके के बार में बहुत सी बातें बताई है उनमें से कुछ नीचे जिक्र है जिससे हर आदमी इन छोटे छोटे सदकात को करके सवाब से माला माल हो सकता है।
Sadaqah E Jariyah ki Hadees
हुजूर अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया
- दूसरे को नुकसान पहुंचाने से बचना सदका है (बुखारी 2518)
- अंधे को रास्ता बताना सदका है (इब्ने हिब्बान 3368)
- बहरे आदमी से तेज आवाज में बात करना सदका है (इब्ने हिब्बान 3368)
- गूंगे को इस तरह बताना कि वह समझ जाए यह भी सदका है (इब्ने हिब्बान 3377)
- कमजोर आदमी की मदद करना सदका है (इब्ने हिब्बान 3377)
- रास्ते से पत्थर कांटा, हड्डी,और नुकसान देने वाली चीज़ को हटाना भी सदका है मुस्लिम शरीफ 1007)
- मदद के लिए पुकारने वाले की दौड़कर मदद करना सदका है (इब्ने हिब्बान 3377)
- अपनी डोल से किसी भाई को पानी देना सकता है
- भटके हुए आदमी को रास्ता बताना सदका है (तिर्मीजी 1956)
- ला इलाहा इल लल्लाह कहना सदका है (मुस्लिम 1007)
- सुभानल्लाह कहना सदका है (मुस्लिम 1007)
- अल हमदुलिल्ला कहना सदका है (मुस्लिम 1007)
- अल्लाह हू अकबर कहना सदका है (मुस्लिम 1007)
- अस्तगफिरुल्लाह कहना सदका है (मुस्लिम 1007)
- नेकी का हुक्म देना सदका है (मुस्लिम 1007)
- बुराई से रोकना सकता है (मुस्लिम 1007 )
- सवाब की नियत से अपने घर वालों पर खर्च करना सदका है (बुखारी 55 )
- दो लोगों के बीच में इंसाफ करना सदका है (बुखारी 2518)
- किसी आदमी को सवारी पर बिठाना या उसका सामान उठाकर सवारी पर रख देना सदका है (2518 बुखारी)
- अच्छी बात कहना सदकाहै (बुखारी 2589)
- नमाज के लिए चलकर जाने वाला हर कदम सदका है (बुखारी 2518)
- रास्ते से तकलीफ देने वाली चीज को हटाना सकता है (बुखारी 2518)
- खुद खाना भी सदका है (निसाई 9185)
- अपने बेटे को खिलाना सदका है
- अपनी बीवी को खिलाना सदका है
- अपने खादिम यानी अपने नौकर को खिलाना सदका है
- किसी मुसीबत में गिरफ्तार आदमी की मदद करना सदका है (निसाई253)
- अपने भाई से मुस्कुरा कर मिलना सदका है (तिर्मीजी 1963)
- पानी का एक घूंट पिलाना सदका है (अबुल अला 2434)
- मिलने वाले को सलाम करना सदका है (अबू दाऊद 5243)
- दो लोगों में सुलह करवाना सदका है (बुखारी तारीख 259/3)
- तुम्हारे पेड़ या फसल से जो कुछ लोग या परिंदे खाए वह तुम्हारे लिए सदका है (मुस्लिम 1553)
- किसी भूखे को खाना खिलाना सदका है (बैहकी 3367)
- किसी प्यासे को पानी पिलाना सदका है (बैहकि 3368)
- दो मर्तबा कर्ज देना एक मर्तबा सदका देने के बराबर है (इब्ने माजा 3430)
- किसी आदमी को अपनी सवारी पर बिठा लेना सब का है (मुस्लिम 1009)
- गुमराही की सर जमीन पर किसी को हिदायत देना सकता है (तिर्मीजी 1963)
- जरूरतमंद के काम आना सदका है (इब्ने हीबान)
- इल्म सीख कर मुसलमान भाई को सिखाना सदका है (इब्ने माजा 243)
इस पोस्ट को सिर्फ आप ही पढ़ कर आगे ना बढ़ जाए बल्कि यह तहरीर फैलाना भी Sadaqa Jariya सदका जरिया है शेयर करके बाकी लोगों तक पहुंचाएं
इस पैगाम को दूसरों तक पहुंचाएं ताकि अल्लाह किसी की जिंदगी को आप के जरिए बदल दें।
Jazakalla hu Khair
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