Surah Kausar in Hindi
सूरह कौसर मक्के में नाज़िल हुई है, इस में 3 आयतें हैं।आज के टॉपिक Surah Kausar in Hindi में हम सौराह कौसर का तर्जुमा और तफ़्सीर जानेगे और इस सूरत में अल्लाह के रसूल को कौन कौन सी खुशख़बरियाँ दी गयी है उसके बारे में जानेंगे
surah Al-kausar In Arabic Text
Surah Kausar in Hindi text
आउजु बिल्लहि मिनशशैतानिर्रजीम
पनाह मांगता हूं मैं अल्लाह कि शैतान मरदूद से
बिस्मिल्ला हिर्रह्मनीर्रहीम
शुरू करता हूं मैं अल्लाह के नाम से को बहुत मेहरबान और रहम करने वाला है
इन्ना आतैना कल कौसर
Inna ati naakal kausar
फसल्ली लिरब्बिका वन हर
Fasalli lirabbika wanhar
इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
Inna shaniyaka huwal abtar
Surah Kausar ka Tarjuma in hindi
बेशक हमने आपको कौसर अता किया
बस अपने रब के लिए नमाज अदा करो और कुर्बानी करो
बेशक आपका दुश्मन ही बे नामो निशान होगा।
Surah Kausar ki Tafseer
Surah Kausar मक्के में नाजिल हुई इसमें 3 आयत है । जब मक्के में नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बेटे का इंतकाल हुआ तो काफिर यह कहने लगे कि अब आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का कोई बेटा नहीं रहा अब इनकी नस्ल आगे नहीं चल पाएगी, आप गुमनाम हो जाएंगे लेकिन अल्लाह ताला ने हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का ज़िक्र जमीन ओ आसमान में जारी कर दिया और ऐसी उम्मत बना दी जो कयामत तक हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि सल्लम के इल्म की वारिस है जो एतराज करने वाले काफिर थे वह बे नामोनिशान हो गए और नामें मोहम्मदी सल्लाल्लाहु अलैहि वसल्लम सारे आलम में गूंज रहा है।
Surah Al-kausar Se Kya Sabak Mila
सूरह कौसर की आयत 1 में नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को बहुत सी भलाईयों की बशारत दी गई है।
आयत 2 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को नमाज़ पढ़ते रहने और कुर्बानी करने का हुक्म दिया गया है।
आयत 3 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दिलासा दिया गया है कि जो आप के दुश्मन हैं वह आप का कुछ बिगाड़ नहीं सकेंगे बल्कि वह ख़ुद बहुत बड़ी भलाई से दूर रह जायेंगे।
हदीस में है कि हज़रत आइशा (रज़ियल्लाह अन्हा) ने कहा कि कौसर एक नहर है, जो तुम्हारे नबी को प्रदान की गई है। जिस के दोनों किनारे मोती के और बर्तन आसमान के तारों की तादाद की तरह हैं। (सहीह बुखारीः 4965)
और इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हमा) ने कहा कि कौसर वह भलाईयाँ हैं जो अल्लाह ने आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अता की हैं। (सहीह बुख़ारीः 4966)
Hauz e Kausar kya hai
जन्नत की एक बड़ी नहर का नाम कौसर है।यह नहर हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को अता की गई है हश्र के दिन जब कोई इस नहर से एक बार पानी पिएगा फिर कभी उसको प्यास नहीं लगेगी इस हौज़ के चारों तरफ खूबसूरत कालीनों की सजावट होगी, फर्श पर सोने की कुर्सियां होंगी, तख्त सजे होंगे, चारों तरफ मोती के बने मकान की कतारें होंगी, हौज में सजावट का इतना सामान होगा जैसे आसमान के तारे, हम हश्र के दिन हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम वहां मौजूद होंगे उम्मात के लोग वहां पहुंचेंगे और हौजे कौसर का जाम पिएंगे यह मर्तबा जिसको भी मिला वह कामयाब हुआ नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की तसल्ली के लिए अल्लाह ताला ने यह सूरह कौसर नज़िल फरमायी।
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