Mayyat ko Gusal dene ka tarika

Mayyat ko Gusal dene ka tarika

जब किसी मुसलमान का इंतिक़ाल होता है और हैं जब वो इस दुनिया को छोड़ कर चला जाता है तो लोग मय्यत के दफन और कफ़न के बारे में सोचने लगते है।आमतौर पर लोगों को ये नहीं पता होता है कि किस तरह मय्यत को गुसल देना है और किस तरह उसको कफ़न पहनाना है।तो आज हम mayyat ko Gusal dene ka tarika और mayyat ko kafan pahnane ka tarika बयान करेंगे।

Mayyat ko Gusal kis tarah dene chahiye

सबसे पहले पानी में बेर के पत्ते डाल कर गर्म कर ले ।फिर उसमे इतना पानी मिलाएं कि हाथ ना जले।

फ़िर तख्ते को सादे पानी से धो ले।

एक बर्तन में आग जला कर लोहबान या और कोई ख़ुशबू दें।

फिर मय्यत को एक तख्ते पर लिटा दें।अगर तख्ता ना मिले तो चारपाई पर ही लिटा दें।

मय्यत के जिस्म पर को कपड़े हो उसको उतार दे।और नाफ के नीचे से लेकर गुठने तक किसी कपड़े से छुपा दे।

फ़िर नहलाने वाला अपने हाथ पर एक कपड़ा बांध कर या दस्ताना वगैरह पहन कर मिट्टी या पानी से मय्यत को इस्तिंजा कराए। और पेट को सीधे हाथ से उपर से नीचे को हलके हाथ से दबाते हुए लाए।

ख़ुशबू लगातार सुलगती रहे।

फ़िर नमाज़ के जैसा वज़ू कराए ।मगर मय्यत के वज़ू में गट्टो तक हाथ धोना कुल्ली करना और नाक में पानी डालना नहीं बल्कि कपड़ा या रूई की फुरहरी पानी में भिगो कर दांतो और मसूढ़ो,होंठों पर और नाक में फेर दें।

औरत के सिर के बालों को और मर्द के सिर और दाढ़ी के वालों को अच्छे साबुन से धोएं जोकि पाक जगह से बना हुआ हो अगर इस तरह का साबुन नहीं मिल रहा है तो सिर्फ पानी से ही धो दे।

फ़िर बाई करवट लिटा कर सर से पांव तक बेरी का पानी तीन बार बहाए की टखना तक पहुंच जाए।

इसी तरह दाहिनी करवट लिटा कर पानी बहाए। आख़िर में सर से पैर तक कपूर का पानी बहाए।

फ़िर बदन को किसी कपड़े से आहिस्ता से पूछ दे। गुसल देने वाला पाक जो और अगर वज़ू के साथ हो तो बहुत ही बेहतर है।

अगर मय्यत का कोई रिश्तेदार या कोई और हो अगर उसे गुस्ल देना याद ना हो तो दूसरा आदमी किताब देख कर बताता जाए।

जहां गुस्ल दे वहां पर्दा कर ले ताकि कोई बाहर का आदमी ना देख पाए।

चेहरा और पेशानी पर और उन सारे जगहों पर जहां पर नमाज़ का निशान हो वहां कपूर मल दे।

Mayyat ka Gusal मुकम्मल हुआ अब मय्यत को कफ़न देना है

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Mayyat ko kafan kis tarah de

Mard ke kafan ke kapde

Mard ke kafan ke liye 3 kapde sunnat hai

(1) कमीज़ – जिसको कफनी कहते हैं

(2) इज़ार – जिसको लुंगी या तहबंद कहते हैं

(3) लिफ़ाफा – जिसको ऊपर से लपेटा जाता है।

Aurat ke kafan ke kapde

औरत के लिए 5 कपड़े सुन्नत हैं।

(1) कमीज़ – जिसको कफ़नी कहते है

(2) इज़ार– लुंगी या तहबंद

(3) लिफ़ाफा – जिसको ऊपर से लपेटा जाता है

(4) ओढ़नी – दुपट्टा

(5) सीना बंद – सीने के एरिया को ढ़कने के लिए

कफ़न अच्छा होना चहिए जैसा कपड़ा मर्द जुमा या ईद में पहना करता था या औरत जिस तरह का कपड़ा पहें कर मायके जाती थी उसी कीमत का होना चहिए।

हदीस में आता है कि मुर्दों को कफ़न अच्छा दो वो आपस में मुलाक़ात करके अच्छे कफ़न पर फख्र करते है।

और फ़रमाया की सफेद कपड़े में कफनाओ और औरत को रेशम का और रंगीन कफ़न जाइज है

Kafan ki miqdaar

यानी कफ़न कितना बडी होना चाहिए।अगर मय्यत 2 गज़ की है तो लिफ़ाफा ढाई गज़ का होना चाहिए।

तहबंद 2 गज़ का

कमीज़ गरदन से गुठनो तक आगे और पीछे बराबर होना चाहिए।

और ढाई गज़ की एक चादर जो मय्यत के ऊपर डाली जाती है जो मिस्कीन को बाद में दे दी जाती है वो कफ़न से अलग होती है।

एक गज़ की जाए नमाज़ जिस पर इमाम नमाज़ पढ़ाता है।

मर्द के लिए कुल साढ़े दस गज़ कपड़ा होना चाहिए

औरत के लिए 2 कपड़े और ज़्यादा होंगे एक ओढ़नी डेढ़ गज की और सीनाबंद आधे गज का होगा।

जिस तरह मय्यत का साइज़ होगा या कपड़े का अरज़ जिस तरह काम या ज़्यादा होगा उस तरह कपड़ा लगेगा।

Kafan pahnane ka tarika

कफ़न पर पाक मिट्टी गुलाब जल के भिगो कर कलमा ए तय्यबा la ilaha illallaah muhammadur rasoolullah लिख दें।और कल्मे की उंगली से पेशानी और सीने पर Bismillah hirrahmanir raheem लिख दें।

सबसे पहले बड़ी चादर यानी लिफ़ाफा बिछाए ,फिर तहबन्द उसके बाद ओढनी, फिर कफ्नी उसके बाद मय्यत को उस पर लिटा दें।और खुशबू मलें मर्द हो तो दाढ़ी पर भी मले।

सजदे की जगह यानी माथे पर गुठनों पर और उंगलियों पर कपूर लगाए।

फ़िर इज़ार पहले बाईं तरफ से फिर दहिनी तरफ से लपेटे को दाहिना ऊपर रहे। और सर और पांव की तरफ बांध दे ताकि उडे नही।

औरत को काफनी पहना कर उसके बाल के दो हिस्से करके कफ्नी के ऊपर सीने पर डाल दे ,

फ़िर ओढनी को आधी पीठ के नीचे से बिछा कर सर पर ला कर मुंह पर नक़ाब की तरह डाल दे।इसकी लंबाई आधी पीठ से सीना तक रहे और चौड़ाई एक कान कि लौ से दूसरे जान कि लौ तक रहे।

सबसे आख़िर में सीना बंद पिस्तान के ऊपर से रान तक लाकर बंधे।

आज हमने Mayyat ka Gusal dene ka tarika और Mayyat ko kafan pahnane ke tarika और Kafan ki miqdaar के बारे में जाना ।

उम्मीद करते हैं कि आप ने बहुत कुछ सीखा होगा अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें।

Jazakallah hu khair

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