Safed Balon me khizaab karna kaisa hai

Safed Balon me khizaab karna kaisa hai

दोस्तों इस्लाम ने हमें जिंदगी जीने का पूरा तरीका बता दिया है हमें किस तरह जिंदगी गुजारनी है हमें जिंदगी इस तरह गुजारनी है कि अल्लाह के रसूल सल्ला वसल्लम ने जिस तरह से हमें तलीम फरमाई हमें उसी नक्शे कदम पर चल कर जिंदगी गुजारनी है तो दोस्तों आज Safed Balon me khizaab karna kaisa hai के टॉपिक में बात करेंगे क्या कोई आदमी क्या कोई मुसलमान सफेद बालों को काला कर सकता है क्या इस्लाम ने इसकी इजाजत दी है तो दोस्तों चलिए शुरू करते हैं।

Hair Colour In Islam

इस्लाम में सफेद बालों को काला रंग में रंगना मकरुह है लेकिन कुछ ऐसे हालात हैं जिनमें मुसलमान काले सफेद बाल को काले रंग में बदल सकता है

हजरत इमाम हसन अलैहिस्सलाम बयान करते हैं कि कुछ लोग सफेद बालों को काले रंग बदल रहे थे आप नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जब ये देखा और देखकर फरमाया “अल्लाह ताला कयामत के दिन इनके चेहरे से काला करें” यानी आपने नाराजगी का इजहार किया।

एक दूसरी रिवायत में है कि हजरत अब्बास रजि0 अल्लाह ताला अनु फरमाते हैं कि आप सल्ला वाले वसल्लम ने फरमाया सफेद बालों को काले रंग में तब्दील करने वाले लोग जन्नत की खुशबू भी ना सूंघ पाएंगे।

Note :- कुछ कुछ खास जगह पर सफेद बालों को काला करना जायज़ समझा जाता है जैसे कोई आदमी मैदान जंग में या लड़ाई में अपने दुश्मन के सामने हो और वह अपने बुढ़ापे को छुपाने के लिए बालों को काला करें तो इस जगह पर सफेद बाल को काले रंग में बदलना जायज है और इस तरह जैसे कोई आदमी अपनी बीवी को खुश करने के लिए उसको अपना फरमाबरदार बनाने के लिए सफेद बालों को काले रंग में बदल सकता है।

Balon Ko Kala Karne Ka Mustahab Tarika

बालों को काला करने का मुस्तहब तरीका यह है कि मेहंदी या खीज़ाब लगाए इमाम अहमद बिन हंबल रहमतुल्ला लेने 33 साल की उम्र में अपने बालों को रंगीन किया उस वक्त उनके चाचा ने उनसे कहा अहमद ने हंबल तूने खिजाब लगाने में जल्दी किया इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यह रंग आप सल्लल्लाहो वसल्लम की सुन्नत है हजरत अबू ज़र रजी0 नबी सल्ला वाले वसल्लम से रिवायत करते हैं कि बुढ़ापे को तब्दील करने वाली चीजों में से मेहंदी और नील सबसे ज्यादा अफजल है।

Khizaab kya hai

सफ़ेद बालों को रंग में बदलने के लिए एक बूटी जिसके लेप लगाने से सफेद बाल रंगीन हो जाते है।

नबी अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम के खिज़ाब लगाने के संबंध में लोगों का इख्तिलाफ है। कुछ लोग khizaab लगाने को मजरूह कहते है और कुछ हदीस में khizaab लगाना जायज है।

हजरत अनस रजि0 अल्लाह ताला अनहू फरमाते हैं कि आप सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम ज्यादा बूढ़े नहीं थे और आप सल्ला वाले वसल्लम के बाद हजरत अबू बकर और हजरत उमर रजि अल्लाह ताला अन्हु ने मेहंदी और नील से खिज़ाब किया है रिवायत यह कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम क बालों को नील से रंगे हुए दिखाई दिए थे इस वजह से आप के बयान से साबित हुआ कि आप सल्ला वसल्लम ने खिजाब किया है।

हजरत मालिक सारी रजि0 अल्लाह ताला की हदीस के मुताबिक आप सल्ला वसल्लम जाफरान से खिज़ाब किया करते थे लिहाजा सर के बालों में खिज़ाब लगाना साबित है जैसा कि आप सल्ला वसल्लम ने फरमाया बुढ़ापे को तब्दील करो मगर यहूदियों जैसी सूरत ना बनाओ।

Jazakallah hu khair

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