Roza Rakhne ki Dua
रमजान के रोजे हर मुसलमान पर वाजिब है और फर्ज हैं जैसा कि अल्लाह ताला ने कुरान मजीद ने इरशाद फरमाया है” जो आदमी रमजान के महीने में हाजिर हो उसे चाहिए कि रोजे रखे “यानी अगर किसी की जिंदगी में रमजान का महीना आया तो उस आदमी पर यह फर्ज है कि वो रमजान के रोजे रखे। तो आज हम Roza Rakhne ki Dua Ya Sehri Karne Ki Dua के बारे में जानेंगे।
रमजान का महीना आ जाए और अपनी आंखों से रमजान का चांद देख ले या किसी सच्चे और ईमानदार आदमी की गवाही से चांद का निकलना साबित हो जाए और शाबान के 30 दिन गुजर जाए तो जान लेना चाहिए कि रमजान का महीना शुरु हो गया चाहे 30वीं तारीख को आसमान में गुबार और बदली ही क्यों ना हो और चांद नजर ना आए, लेकिन ऐसे में रमजान का महीना शुरू माना जाएगा।
Roze ki niyat is tarah Karen
रमजान के दिनों में रोजे की नियत इस तरह करें सुबह सादिक होने से पहले नियत करें कि मैं कल के दिन रोजा रखूंगा या मैं कल के दिन रोजा रखने की नियत करता हूं इस तरह रात को भी नियत करें रमजान का महीना खत्म होने तक इसी तरह करता रहे, नियत दिल के इरादे का नाम है जबान से कहना अफजल नहीं है लेकिन कहले तो कोई हर्ज भी नहीं है, लेकिन आपने दिल में नियत कर लिया कि मैं कल का रोजा रखूंगा या आज रोजा रख रहा हूं तो नियत हो जाती है
Roza Rakhne ki Dua । Sehri Karne Ki Dua
Sehri Karne Ki Dua
وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ.
’’اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی.‘‘
I Intend to keep the fast for month of Ramadan
Sehri Karne Ki Dua In Hindi
Sehri Karne Ki Dua Hindi में इस तरह है बिसौमी गदिं नवाई तो लिल्लाहि ताला मिन शहरी रमज़ान
Tarjuma :- मैं अल्लाह के लिए रमज़ान के रोजे की नियत करता हूं
एक ज़ईफ़ रिवायत यह भी है कि रोजाना नियत करने के बजाय अगर सारे महीने के रोजों के लिए एक ही मर्तबा नियत कर ले तो यह भी काफी है मगर पहली वाले रिवायत ज्यादा सही है रोज़ाना सुबह सादिक से पहले कर की जाए।
YE BHI PADHE
Note
जब सुबह सादिक हो जाए तो खाने-पीने और हम बिस्तिरी करने से परहेज करें, कोई भी चीज़ बाहर की तरफ से पेट के अंदर दाखिल ना हो, ना अपने बदन से खून निकाले, ना किसी दूसरे के बदन से खून ले, कोई ऐसी हरकत ना की जाए जिसकी वजह से उल्टी हो या और कोई चीज बाहर से अंदर आ जाए।
Conclusion
तो दोस्तों आज के इस टॉपिक Roza Rakhne ki Dua आपको कैसा लगा कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए
Jazakallah hu khair
4 thoughts on “Roza Rakhne ki Dua”