Namaz padhne ka tarika
आज हम Namaz padhne ka mukammal tarika के बारे में बात करेंगे। किस तरह नमाज़ पढ़ते है नमाज़ में क्या पढ़ा जाता है,कब पढ़ा जाता है और पूरी डिटेल के साथ नमाज़ का तरीका जानेंगे।
Takbeer e tahreema kahna
सबसे पहले वजू करके पाक साफ कपड़े पहनकर पाक साफ जगह पर किबले यानी काबा शरीफ़ की तरफ मुंह करके खड़े हो जाए फिर दोनों हाथ कानों कि लौ तक उठाएं। और तकबीरे तहरीमा अल्लाह हू अकबर कहते हुए दोनों हाथों को नाफ़ के नीचे बांध लें।
हाथ इस तरह बांधे की दाया हाथ ऊपर और बाया हाथ इसके नीचे रहे अगर कोई वजह ना हो तो नमाज खड़े होकर पढ़ें
Sana padhna
तकबीरे तहरीमा के बाद सना यानी सुभहानका ल्लाहुम्मा वाबिहमदिका वाताबाराकस्मुका वाता आला जद्दुकब्वा का ईलाहा गयरुक
Subhanaka allahumma wabihamdika wata barakasmuka wata aala jadduka wala ilaha gayruk
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Tauz aur tasmiya padhna
Sana padne के बाद tauz यानि आउजु बिल्लाही मिनश शाय तानिर रजीम पढ़े
उसके बाद tasmiya यानि बिस्मिल्ला हिररहमा निररहीम पढ़े।
Surah fatiha ke saath koi surah padhna
Tauz ,tasmiya पढ़ने के बाद surah fatiha पढ़ना surah fatiha ke baad आमीन कहे।और कोई दूसरी surah को मिलाए
Ruku karna
फिर Allahukabar कह कर Ruku में चले जाए Ruku में गुठनो को पंजो से पकड़ ले और पीठ और पैर को सीधा रखें और गुठना नहीं मोड़ना चहिए।फिर 3,5,7, या 9 बार सुभआना रब्बीयाल अज़ीम पढ़े।Ruku करने के बाद समियाल्ला हुलिमन हमिदा कहते हुए खड़े हो जाए और ये दुआ पढ़े। रब्बाना वलाकल हम्द Rabbana walakal hamd पढ़े।
Sajda karna
अब तकबीर यानी अल्लाहु अक़बर कहते हुए सजदे में जाए सजदे में हथेलियां खुली हुई हों यानी मुट्ठी बंद ना हो , उंगलियां एक दूसरे से मिली हुई हों , कुहनियां ज़मीन से ऊंची रहे ,दोनों पैर का निचला हिस्सा ज़मीन से लगा हो, माथे का कुछ हिस्सा और नाक का ज़मीन से लगना जरूरी है। सजदे में भी 3,5,7,या 9 बार सुभ आना रब्बियाल आला subhana rabbiyal aala पढ़ना सुन्नत है।सजदे से तकबीर कहते हुए अ उठ कर इस तरह बैठे की बाएं पैर को बिछा कर बैठे और दायां पैर को नीचे खड़ा करे ,दोनों हाथों को गुठने के क़रीब अपनी जांघ पर रखे ,हाथ खुले हुए हो और उंगलियां एक दूसरे से मिली हुई हों, फिर तकबीर कहते हुए दूसरा सजदा करें, दूसरा सजदे के बाद दूसरी रक्त के लिए सीधा खड़ा हो जाए और इसी तरह पूरी नमाज मुकम्मल करें ।
Tashahud
3 या 4 रकात वाली नमाज में 2 रकात के बाद बैठकर Tashahud यानी Atahiyat( Atahiyato lillahi wassalawatu wattayyibato assalamu alaika ayyuhan nabiyyu warah matullahi wabara katuh assalamu Alaina wala ibadillahi _ssaliheen ashadu alla ilaha illal laahu wa ash hadu anna Muhammadan Abduhu wa rasuluhu और Darood Shareef पढ़ना सुन्नत है।
इसी तरह कादा ए अखिरा में Tashahud पढ़ना वाजिब है तथा उसके बाद मुकम्मल Darood Shareef और इसके बाद Dua e masoora पढ़ना सुन्नत है
Dua e masoorah
अल्लाहुम्मा इन्नी जलमतु नफ्सी जुल्मन कसीरौं वाला यागफिरूज्जुनूबा इल्ला अंता फगफिर्ली मगफिरातम में इंदिका वर हमनी इनका अंतल गफूरूर रहीम
Allahumma inni zalamtu Nafsi zulman kaseerawn wala yagfiruz zubnooba illa anta fagfirli magfiratam min in dika warhamni innka antal gafoorur Raheem
आखिर में अस्सलामु आलेकुम व रहमतुल्लाह कहकर दोनों तरफ सलाम फेरे।
अगर नमाज इमाम के साथ पड़ रहा हो तो पहली रकत में तकबीर तहरीमा यानी अल्लाह हू अकबर के बाद सिर्फ सना पढ़कर खामोश रहे, और उस हालत में कुछ ना पढ़े इस तरह रुकू से उठने वक्त इमाम समीअल्लाह हुली मन हमीदा कहे तो मुकतदी सिर्फ रब बना वाला कल हम्द कहे, Ruku और सजदा की तस्बीह को पढ़े।
आज की इस पोस्ट में हमने Namaz padhne ka mukammal tarika , और उसमे पढ़ी जाने वाली दुआएं Tashahud, Dua e masoorah और तस्बीह के बारे में जाना ।आपको ये पोस्ट कैसी लगी comment में जरूर बताए।
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