Salatut Tasbeeh Padhne Ka Tarika (Step by Step)
दोस्तों आज की इस पोस्ट में जानेंगे कि किस तरीके से Salatut Tasbeeh ki Namaz पढ़ी जाती है Salatut Tasbeeh Padhne Ka Tarika में किन-किन चीजों का ध्यान देना जरूरी है और उसकी फजीलत क्या है और अल्लाह के रसूल सल्ला वसल्लम ने इस नमाज को पढ़ने को लेकर क्या इरशाद फरमाया है और इस नमाज के क्या फायदे हैं तो इन सब चीजों के बारे में जानेंगे।
नफील नामाजों में Salatut Tasbeeh की नमाज की बहुत ज्यादा फजीलत आई हुई है इस नमाज को पढ़ने में दिन दुनिया की बहुत बड़ी बरकत ए हासिल होती है गुनाह माफ हो जाते हैं और इसके पढ़ने से रोजी में बरकत पैदा होती है किसी मुसीबत और दुशवारी पेश आने के टाइम अगर इस नमाज को पढ़ कर अल्लाह से दुआ कर ली जाए तो वह मुसीबत इस नमाज की बरकत से दूर हो जाती है
Salatut Tasbeeh Padhne Ka Waqt
Salatut Tasbeeh ki Namaz अगर मुमकिन हो तो हर रोज नहीं तो हफ्ते में एक बार नहीं तो जुम्मे के दिन या महीने में एक मर्तबा पढ़ ले या पूरे साल में एक मर्तबा या फिर पूरी जिंदगी में एक बार पढ़ना जरूरी है
इसका पढ़ने के वक्त यह है वैसे इस नमाज़ को कभी भी किसी वक्त पढ़ सकते है लेकिन जवाल के वक्त यानी जब सूरज निकलने और डूबने का वक्त होता है तब इस नमाज़ को ना पढ़े, हर रोज पढ़ने वाले के लिए इशराक का वक्त यानी फजर की नमाज के बाद 20 मिनट गुजर जाने के बाद का वक्त इशराक का होता है उस वक्त पढ़ना अफजल है।
Salatut Tasbeeh Namaz ki Fazilat
Salatut Tasbeeh Namaz ki Fazilat हदीसों में बहुत बार आती है नफ़िल नमाज़ों में सबसे ज़्यादा इसी नमाज की फजीलत आई हुई है।
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास राजियाल्लहु ताला अन्हुमा फरमाते हैं कि नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वल्लम ने फरमाया कि अय चचा जान! क्या मैं आपको एक तोहफा दूं? क्या मैं आपको बख्शीश करूं? क्या मैं आपको बहुत काम की चीज से बा खबर करूं?क्या मैं आपको ऐसी चीज दो जब तुम इसको कर लोगे तो अल्लाह ताला तुम्हारे साथ पिछले गुनाह और पुराने गुनाह खता किए हुए और जान करके किए हुए गुनाह और छोटे और बड़े जितने भी गुनाह है सब माफ फरमा देगा वह काम यह है कि 4 रकात Nafil Namaz Salatut Tasbeeh इस तरह से पढ़ो
Salatut Tasbeeh ki Namaz Ka Tarika
Niyat:-
नियत दिल के इरादे का नाम है जबान से करना अफजल नहीं है लेकिन अगर कोई जबान से करना चाहे तो इस तरह कर सकता है नियत करता हूं मैं 4 रकात नमाज नफील Salatut Tasbeeh के वास्ते अल्लाह के रुख मेरा काबे शरीफ की तरह अल्लाह हू अकबर कह कर हाथ बांध लेंगे।
जब अल्हम्दुलिल्लाह यानी Surah Fatiha और दूसरी सूरत पढ़ चुके तो खड़े ही खड़े रुकु से पहले तीसरा कलमा ,
سُبْحَان اللهِ وَ الْحَمْدُ لِلّهِ وَ لآ اِلهَ اِلّا اللّهُ، وَ اللّهُ اَكْبَرُ وَلا حَوْلَ وَلاَ قُوَّة ِ الَّا بِاللّهِ الْعَلِىّ الْعَظِيْم
15 बार पढ़े,फिर रुकु में 10 बार पढ़े रुकू से खड़े होकर 10 मर्तबा पढ़ें फिर सजदे में जाकर 10 मर्तबा पढ़ें सजदे से उठकर 10 मर्तबा पढ़ें यानी दोनों सजदे के बीच में 10 बार तो पढ़ना है फिर दूसरा सजदा करें और इस दूसरे सजदे में 10 मर्तबा पढ़े फिर सजदे से उठ कर बैठ जाएं और 10 मर्तबा पढ़े इसी तरह चार रकातें पढ़े यह हर रकात में 75 मर्तबा हुए और चार रकातों में मिलाकर तीन सौ 300 मर्तबा हुए।
Salatut Tasbeeh me kon si Surat padhe
Salatut Tasbeeh ki Namaz में वैसे आपको सी कोई भी सूरत पढ़ सकते हैं ये जरूरी नहीं कि कोई खास सूरत पढ़े लेकिन पहली रकात में Surah Takasur दूसरी रकात में Surah Asr तीसरी रकत में Surah Kafirun चौथी रकत में Surah Ikhlaas पढ़ ले तो बेहतर है यह सूरते याद ना हो तो Surah Fatiha के बाद जो सूरत में भी याद हो पढ़ सकता है।
Zaroori Masail
इस नमाज के लिए कोई सूरत मुकर्रर नहीं है जो भी चाहे पढ़ ले बाजरे बातों में 20 आयतों के करीब करीब कीरत पढ़ना आता है
Tasbeeh को जबान से बिल्कुल भी ना गिने क्योंकि जबान से गिनने से नमाज टूट जाती है उंगलियां जिस जगह पर हो उसी को वही रखें इसी जगह दबाते रहे।
यह नमाज हर वक्त पढ़ी जा सकती है सिवाय उन खास टाइम में जिनमें Nafil पढ़ना मकरुह है।
कुछ रिवायत में इन चार कलाम यानी सुभ हानल्लाह अल हमदुलिल्ला ही वाला इलाहा इल अल्लाह हू अल्लाह हू अकबर के साथ-साथ ला हावला वाला कुवाता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यूल अज़ीम भी आया है लिहाजा इस को भी मिला लिया जाए तो बेहतर है।
आज के इस टॉपिक में अपने Salatut Tasbeeh Padhne Ka Tarika नमाज के तरीके के बारे में जाना और अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलेहि वसल्लम ने जो नमाज का तरीका बताया है उस नमाज के तरीके के बारे में जाना और उससे जरूरी मसाइल उसको भी जाना और Salatut Tasbeeh नमाज की जो फजीलत है उसके बारे में भी जाना तो दोस्तों आप कोई टॉपिक कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइए और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
jazakalla hu khair
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