Surah Duha in hindi with translation

Surah Duha in hindi with translation

सूरह दुहा मक्के में नाजिल हुई और मक्के के शुरुआती दौर में नाजिल हुई इसमें 11 आयतें हैं और एक रुकू है।आज किस टॉपिक में हम Surah Duha in hindi with translation में उसके तर्जुमा और तफसीर के बारे में खुलासे के साथ जानेंगे।

Surah Duha image

Surah Duha in hindi text

बिस्मिल्ला हिर्रह्मनिररहीम

वाद्दुहा वल लयली इजा सजा

मा वद्दाका रब्बुका वमा कला

वलल आखिरतु खैरुल लका मिनल ऊला

वला सउफा यू’ तीका रब्बुका फतरजा

अलम याजिदका यतीमन फ़आवा

ववा जदाका दा ल्लन फहादा

ववा जदाका आ इलान फा अग्ना

फअम्मल यतीमा फला तक हर

वाअम्मस साइला फला तन्हर

वाअम्मा बिनीमती राब्बिका फा हद्दिस

Surah Duha ka Tarjuma

शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान और रहम करने वाला है

दिन की रोशनी की कसम और रात की जब वह छा जाए

आपके रब ने आप को नहीं छोड़ा और आप से नाराज नहीं हुआ

और अखिरत तो आपके लिए दुनिया से बेहतर है

आपका रब आपको इतना देगा कि आप राजी हो जाएंगे

क्या इसने आपको यतीम नहीं पाया था फिर आपको जगह दी

और आपको उसने पाया कि आप हमारी राह की तलाश में खो गए थे तब उसने आपको अपनी राह बता दी

और उसने आपको तंग दस्त पाया फिर आपको गनी कर दिया

बस जो यतीम है उस पर दबाव मत डालो

और सवाल करने वाले को मत झिड़को।

और जो आपके रब की नेमतें है उसे बयान करो उसका चर्चा करो।

Surah Ad Duha ki Tafseer

सही रीवायतों में आता है कि जब हजरत जिब्राइल अलैहिस्सलाम बहुत दिनों तक नबी अकरम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम के पास नहीं आए यानी कुरान की वही आना बंद हो गई, उस वक्त मुशरिकीन ने मक्का कहने लगे कि मोहम्मद को उनके रब ने छोड़ दिया है उसके हवाले में यह आयत नाजिल हुई और आप को तसल्ली दी गई कि आपके रब ने आप को नहीं छोड़ा और ना ही आपसे वह नाराज हुआ है।

इस सूरह Surah Duha in hindi with translation में आप सल्लल्लाहो वाले वसल्लम पर कुछ मुद्दत के लिए कुरान का पैगाम यानी वही का आना बंद हो गया था तो आप सल्लल्लाहो वसल्लम का ही परेशान हो गए थे यह समझ बैठे थे कि शायद आप सल्ला वसल्लम से अल्लाह की शान में कुछ गलती हो गई है इसलिए अल्लाह ताला नाराज होकर वही भेजना बंद कर दिया है जब भी आप पर कोई आयत नाजिल होती तो आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम लोगों को सुनाते,

जब आयत का आना बंद हो गया तो आप के दुश्मनों को और भी अच्छा मौका हाथ लगा, और आपको खूब ताना देने लगे और जगह-जगह आप का मजाक उड़ाए जाने लगा जिससे कि नबी सल्लल्लाहो सल्लम काफी परेशान हो गए उनको ज्यादा ज़्यादा गम अल्लाह ताला की नाराजगी का था

इसलिए अल्लाह ने अपने नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को तसल्ली देने के लिए और उनकी परेशानी दूर करने के लिए अल्लाह ताला ने सूरह दुहा नाजिल फरमाई।

Surah Duha की पहली आयत में दिन की रोशनी की और रात के सुकून की कसम खाकर अल्लाह ताला ने आप सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को तसल्ली दी है और फरमाया कि आपके रब ने आपको बिल्कुल भी नहीं छोड़ा और ना ही वह आपसे नाराज हुआ बल्कि आपको कुछ वक्त दे दिया है क्यूंकि वही के अल्फाज जो आपको भेजा है उसको अच्छी तरह दिमाग में बैठने की मश्क हो जाए इस वजह से आपको थोड़ा सा टाइम दे दिया गया है जिससे आप को सुकून नसीब हो

दिन की रोशनी और रात की कसम से यह मुराद है कि अल्लाह की अज़ीम हिकमत और मसलेहत है इसी तरह वही की रोशनी अगर लगातार आप पर पड़ती रहे तो आपके जो कंधे है उसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे इसलिए वही का रुक जाना भी अल्लाह की मसलेहत है ताकि वही आने का जो बोझ आप पर पड़ता है तो उसके रुक जाने से आपको कुछ सुकून मिल सके।

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इसके बाद अल्लाह ताला ने अपने हबीब हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने फरमाया कि उन्होंने यह कैसे जान लिया कि हमने आपको छोड़ दिया है और हम आप से नाराज हो गए हैं जिस दिन से आप सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम पैदा हुए हैं उस दिन से हम आप पर मेहरबानियां करते आए हैं आप सल्ला वसल्लम यतीम पैदा हुए लेकिन फिर भी हमने आप की परवरिश और तरबियत का कितना सही इंतजाम किया फिर आप हिदायत की तलाश में थे और हमने आपको हिदायत दी फिर आपको मालदार बनाया इसी तरह हमारी मेहरबानियां हर वक्त आपके साथ रही हैं और रहेंगे।

आखिर में अल्लाह ताला ने अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को बताया कि अल्लाह के एहसान के बदले में आप का बर्ताव अल्लाह ताला के बन्दों के साथ कैसा होना चाहिए कि कभी किसी यतीम पर आप ज़्यादती ना करें क्योंकि आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम यतीम थे और आप यतीम रह चुके हो और मांगने वाले फकीरों को कभी झिड़क कर दुखी ना करो और अगर कुछ नहीं देना है तो उसे प्यार मोहब्बत से रुखसत कर दो।

अगर दीन इस्लाम के बारे में कोई आपसे कुछ सवाल करें तो उसे मोहब्बत से जवाब दो और हिदायत की सबसे बड़ी नेमत जो अल्लाह ताला ने आपको दी है इसे अल्लाह की मखलूक तक पहुंचाओ और उन्हें सीधा रास्ता बताओ।

अलबत्ता इस काम में काफी मुश्किल का सामना आपको करना पड़ेगा लेकिन आप घबराओ नहीं और सब्र और शुक्र के साथ बर्दाश्त करते जाओ यतीमो और अल्लाह के मोहताज बंदों की मदद करो।

Conclusion

•अल्लाह की तमाम नेमतों का शुक्र अदा करो

•दावतो तबलीग का हक अदा किया जाए

•और नेमतें कुरान की ज्यादा से ज्यादा तबलीग़ की जाए

•क़ुरआन की तालीम को लोगों के जहन में बिठाया जाए

•यतीमो के साथ और मोहताज बंधुओं के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए

•और इस काम की सारी मुश्किलात पर सब्र के साथ उसे बर्दाश्त किया जाए।

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