Tahiyatul wudu ki Fazilat
Tahiyatul wudu ki Fazilat हजरत अबू हुरैरा रजि अल्लाह ताला अनु 1 दिन नमाज़ फज्र के वक्त हुजूर सल्ला वाले वसल्लम ने हजरत बिलाल से फरमाया इस्लाम कबूल करने के बाद ऐसा कौन सा काम है जो तुमने किया इसके बारे में तुम बनिस्बत दूसरे और काम से ज्यादा अल्लाह की रजा की उम्मीद रखते हो क्योंकि मैंने अपने आगे जन्नत में तुम्हारे जूतों की आहट सुनी है। हजरत बिलाल ने फ़रमाया मैंने कोई अमल कोई काम इससे बढ़कर ज्यादा उम्मीद दिलाने वाला नहीं किया कि जब कभी भी किसी वक्त रात में या दिन में मैं वज़ू करता तो उस वजू से कुछ ना कुछ नमाज जरूर पढ़ लेता हूं।
तशरीह एक हदीस में जो इरशाद है कि जो कोई मुसलमान वज़ू करें और अच्छी तरह से हो सुन्नतों का ख्याल रखते हुए पानी खूब ध्यान से सब जगह पहुंचाएं फ़िर खड़े होकर इसी तरह 2 रकात नमाज पढ़े खूब दिल लगा कर अल्लाह की तरफ मुतावज्जो रहे तो उसके लिए जन्नत वाजिब होगी।
मालूम हुआ कि वजू के बाद 2 रकात नमाज़ खूब दिल लगा कर पड़ने के साथ दिल लगाकर पढ़ने का मतलब पड़ा सवाब है अगर कुछ फुकहा ने यह भी लिखा है कि वज़ू के बाद सुन्नत फर्ज पढ़ ले उससे भी Tahiyatul wudu का जवाब मिल जाएगा जैसे tahiyatul masjid का सवाब इस तरह मिल जाता है लेकिन दोनों हदीसे जो हमने ऊपर बयान की है उसके बयान से यही मालूम होता है कि tahiyatul wudu की रकाते मुस्तकिल होकर पढ़नी चाहिए पढ़ने से पहले यह देख ले कि वक्त नहीं है जवाल के वक्त नमाज पढ़ना दुरुस्त नहीं है और सुबह सादिक होने के बाद सूरज निकल कर बुलंद हो जाने तक पढ़ना दुरुस्त नहीं है इसी वक्त नमाज के बाद सूरज ढल जाने तक नफिल नमाज पढ़ना जायज नहीं है इन वक्तो में tahiytul wudu ना पढ़े कुछ फुकहा ने लिखा है कि वज़ू का पानी हाथ पैर से सूखने से पहले tahiyatul wudu पढ़ ले इसका ख्याल भी रखना बेहतर है।
नबी अकरम सल्लल्लाहो सल्लम ने ख्वाब में हजरत बिलाल रजि अल्लाहु ताला अन्हू के जूतों की आहट अपनी आगे जन्नत में सुनी, क्योंकि हजरत बिलाल रजि अल्लाह ताला आप सल्ला वाले वसल्लम के साथ रहते थे और कई जरूरी काम को अंजाम देने के लिए आगे आगे चला करते थे इसमें हजरत बिलाल रजि अल्लाह ताला अनु के जन्नती होने की और इस काम की बशारत है कि वह जिस तरह दुनिया में हुजूर अकरम सल्लल्लाहो वसल्लम के रहने वाले थे और उनके करीब थे इसी तरह जन्नत में भी अल्लाह के रसूल का खास बनना नसीब होगा क्योंकि नबियों का ख्वाब वही होता है इसलिए इस अजीब खुशखबरी के होने में कोई शक नहीं।
कुछ रिवायत में है कि जब हजरत बिलाल रजि अल्लाहु ताला अनहु ने बताया कि सबसे ज्यादा अल्लाह की रजा की उम्मीद वाला अमल यह है कि जब मैं वजू करता हूं और उसके बाद tahiyatul wudu की नमाज़ पढ़ता हूं तो उस वक्त अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया यानी इस अमल की वजह से तुम को यह फजीलत हासिल हुई क्योंकि यह फजीलत का खास काम है यानी हर वजू के बाद नमाज के कायम करने से मिली है इसलिए सब हजरात को यह अमल अख्तियार करना चाहिए।