Eid Ki Namaz Ka Tarika

Eid Ki Namaz Ka Tarika

ईद की नमाज़ का तरीका।ईद की नमाज घर पर कैसे पढ़े।

अस्सलामुअलैकुम, मेरे प्यारे इस्लामी भाईयों और बहनों , इस पोस्ट में हम बात करेंगे की ईद की नमाज़ का तरीका Eid Ki Namaz Ka Tarika यानी ईदुल फ़ित्र और ईदुल अज़्हा की नमाज़ पढ़ने का सही और मुकम्मल तरीका क्या है। और लॉकडाउन में ईद की नमाज घर पर कैसे पढें।इस पोस्ट में सब कुछ क्लियर बताया गया है की घर पर ईद कि नमाज़ ( Ghar per eid ki namaz ) कैसे होगी ! और औरतो की ईद की नमाज़ ( Aurat ki eid ki namaz ) का क्या तरीका है ! इस्लाम घर में ऐसी नमाज पढ़ने की इजाजत देता है। जैसे बड़ी बीमारी, जंग या कोरोनावायरस जैसे हालात में जिस तरह सारी नमाजें घर में पढ़ी जाती हैं, ठीक उसी तरह ईद की नमाज भी घर में ही अदा की जा सकती है। अगर इसे जमात में पढ़ना हो तो 4 या 5 लोग या इससे ज्यादा लोग एक जमात बनाकर ईद की नमाज अदा कर सकते हैं।

ईदुल फ़ित्र ( Eid-ul-fitr ki Namaz) और ईदुल अज़्हा ( Eid-ul-Azha ki Namaz ) की नमाज़ का तरीका एक जैसा ही है लेकिन वक़्त का फर्क है ! अब जानते है ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका

Eid Ki Namaz Ka Tarika

सबसे पहले ईद की नमाज़ की नियत करेंगे ! नियत इस तरह से करेंगे

 

पहली रकात


Eid Ki Namaz Ki Niyat – ईद की नमाज़ की नियत


नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल फित्र की मय ज़ाइद 6 तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़,
इतना कहकर दोनों हाथ कानों तक उठाए और फिर अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बाँध ले !
फिर सना पढ़ेंगे सना के अलफ़ाज़ इस तरह से होंगे

सना-सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुक


सना पढ़ने के बाद फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड दे,

फिर दूसरी बार कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड दे,

फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर बाँध लें,

और इमाम जो भी पढ़े ! उसे खामोशी के साथ बिना हिले डुले अच्छे से सुने

इमाम साहब अऊजु बिल्लाह, बिस्मिल्लाह और सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे , मुक्तदी खामोश रहे यानी इमाम साहब के पीछे पढ़ने वाले खामोश रहे , फिर इमाम साहब के पीछे रुकू व सज्दे करे,

दूसरी रकात

जब दूसरी रकअत के लिये खड़े हो तो इमाम बिस्मिल्लाह सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे ( मुक्तदी यहाँ भी खामोश खडे रहे ) जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे !

एक बार फिर अल्लाहु अकबर कहे अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे !
फिर से अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे
और जब चौथी बार फिर से अल्लाहु अकबर कहे तो बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकू में जाए और मामूल के मुताबिक नमाज़ पूरी करे ।

 

eid ki namaz ka tarika
Eid ki namaz ka tarika


Eid ki Namaz ka Tarika

यानी की जैसी और नमाज़ होती है वैसे ही नमाज़ पढ़ना है , बस पहली रकअत में नियत के बाद पहली तकबीर हाथ बांधकर सना पढ़ेंगे , फिर सना पढ़ने के बाद तीन बार ( तीन तकबीर होगी ) दो बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है और तीसरी बार में अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और हाथ बांधना है
इसी तरह दूसरी रकअत में सूरह फातिहा और दूसरी सूरह के बाद तीन बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है , और चौथी बार में रुकू में जाना है !
और बाकी नमाज़ और नमाज़ो की तरह ही इमाम साहब के पीछे पूरी करेंगे !

ईद के दो खुत्बे


जब ईद की नमाज़ मुकम्मल हो जाए तो फिर इमाम साहब पहला ख़ुत्बा पढ़ेंगे,उसके 5,6 सेकंड बैठने के बाद दूसरा खुतबा पढेंगे जिसे गौर से सुन्ना चाहिए अब आपकी नमाज़ मुकम्मल हुई।

जुमा का खुत्बा वाजिब है जिसे सुन्ना जरुरी है , बहरहाल किसी मज़बूरी की वजह से ईद का खुत्बा नहीं भी सुना तो कोई बात नहीं ! लेकिन खुतबा सुन्ना अफजल है

Eid ka khutba in hindi


अल्लाहु अकबरु अल्लाहु अकबरु ला इलाहा इललल्लाहु वल्लाहु अकबरू वल्लिलाहिल हम्द “

नहमदुहु व नसतईनुहु व नसतग़फिरुहु व नऊज़ुबिल्लाही मिन शुरुरी अन फुसीना व मिन सय्यीआती आमालीना व अशहदु अं ला इलाहा इललल्लाहु वाहदहु ला शरिकालहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अबदुहु व रसुलुहु ० अम्मा बाअद।

फआऊज़ु बिल्लाही मिनश्शैतानीररजीम बिस्मील्लाहीर रहेमान निररहीम०
कुलहुवल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद लम यलीद वलम युलद वलम यकुल्लहु कुफुवन अहद ” सदाक़ल्लाहुल अज़ीम”
क़ालन नब्बिय्यु सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम: इंन्ना लिकुल्ली क़ौमिन ईदवं व हाज़ा ईदुना
आऊज़ु बिल्लाही मिनश्शैतानीररजीम बिस्मील्लाहीर रहेमान निररहीम० क़ुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद लम यलीद वलम यूलद वलम यकुल्लहु कुफुवन अहद ” सदाक़ल्लाहुल अज़ीम” *

दूसरा ख़ुत्बा

अल्लाहु अकबरु अल्लाहु अकबरु ला इलाहा इललल्लाहु वल्लाहु अकबरू वल्लिलाहिल हम्दु अलहम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन वल आक़ीबतु लिलमुत्तीक़ीन अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद व बारिक व सल्लिम अल्लाहुम्मा इरफा अन्नल बला अ वल वबाआ० इंन्नाल्लाहा यामुरु बिल अदलि वल इहसान व ईताअइ ज़िल क़ुरबा व‌ यंन्हा अनिल फहशाअई वल मुंन्कर वल बग़ी यअइज़ुकुम लअल्ललकुम तज़क्करून !!

 

Aurton ki Eid ki Namaz kaTarika – औरतों की ईद की नमाज़ का तरीका

ईद की नमाज़ वाजिब नमाज़ है लिहाजा ईद की नमाज़ औरतों पर वाजिब नहीं है !
औरतो के लिए ये मसअला है की ईदगाह में नमाज़ का अलग से इंतज़ाम हो तो वो वहा जाकर जमाअत से नमाज़ पढ़ सकती है परदे की हालत में हो और फ़ितने वगैरह का अंदेशा नहीं हो तो जमाअत में शामिल हो सकती है ! बहरहाल अफजल यही है की वह घर पर ही रहकर नफ़्ल नमाज़ या चाशत की नमाज़ अदा करे ! अल्लाह करीम है इसी से औरतों को ज्यादा सवाब हासिल हो जाएगा ! इंशा-अल्लाह !

Eid ki sunnatein। ईद के दिन करने वाले काम

1-ईद के दिन सुबह जल्दी उठकर फ़ज़्र नमाज़ पढ़ना चाहिए !

2-सुबह जल्दी उठकर फजर की नमाज अदा करने के खुद की सफाई और कपड़े वगैरह तैयार रखना।

3-नाख़ून काटना

4-सर के बाल बनवाना

5-गुस्ल (नहाना) करना

6-मिस्वाक (दांत साफ़ ) करना

7-सबसे उम्दा और साफ कपड़े पहनना। ( कपडे नए हो या पुराने, लेकिन साफ होना चाहिए )

8-इत्र लगाना ( ख़ुश्बू सिर्फ मर्द लगाए )

9-सूरमा लगाना

10-ईदगाह जाने से पहले कुछ खाना ! मुँह मीठा करके जाना सुन्नत तरीका है खाने ख़ज़ूर हो तो अच्छा है।

eid food

11-ईद-उल-फ़ित्र है तो 3 ya 5 ya 7 ख़जूर खाना सुन्नत है

ईद के दिन की सुन्नतें

12-नमाज से पहले फितरा, जकात अदा करना !

13-फितरे के घर के हर एक इंसान के हिसाब से पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है
इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें ! यानी घर में पांच इंसान है तो पौने दो किलो 1.75 x 5 = 8.75

14-ईदगाह में जल्दी पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए

15-ईद की नमाज़  के लिए पैदल जाना चाहिए ! कोई मज़बूरी हो या ईदगाह दूर हो तो कोई बात नहीं

16-हम सबके प्यारे नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नते करीमा थी की वह एक रास्ते से ईदगाह जाते थे और दूसरे रास्ते से वापस आते थे लिहाज़ा ईदगाह आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल करना !

17-ईद की नमाज़ खुले मैदान में अदा करना ( बारिश या बर्फ गिरने की हालत में नहीं )

18-ईदगाह जाते वक्त यह ईद की तकबीर ( तलबीया) पढ़ना‘अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, लाइलाहा इल्ललाहु, अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिलहम्द ‘
( अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है, अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है ! सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं ! )

 

आमतौर पर हर साल भले ही ईद की नमाज के बाद हाथ मिलाना और गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देने के दौर चलते रहे हों, लेकिन कोरोनावायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए हमें इस बार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना है।

Jazakallah hu khair

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